Accounting Fundamental in Hindi (लेखांकन की मूल बातें) #TallyPrime

दोस्तों, अगर आप Tally तो सीखना चाहते है तो यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हो सकता है, क्योंकि इस आर्टिकल मे आपको Accounting Fundamental के बारे मे कुछ जरूरी बातें बताई गई हैं। इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप किसी व्यापार मे अकाउंटिंग क्यों की जाती है, इसका महत्व समझ पाएंगे। तो चलिए जानते है Accounting Fundamental से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें।

Accounting क्या है?

Accounting व्यापारिक लेन देन को सुनियोजित ढंग से अलग-अलग विभाजित करना तथा रिकार्ड करना व परिणाम निकालने की कला है।

अथवा

Accounting व्यापार की वह भाषा है जिसके द्वारा एक व्यापारी दूसरे व्यापारी के साथ वित्तीय व्यवहारों का आदान प्रदान करता है

Method of Accounting (अकाउंटिंग के तरीके)

अकाउंटिंग को दो तरीकों से किया जा सकता है।

  1. Manual Accounting (हस्तलिखित लेखांकन)
  2. Computerized Accounting (कम्प्यूटरीकृत लेखांकन)

हस्तलिखित लेखांकन –यह सभी व्यावसायिक लेनदेन व अन्य क्रिया-कलापों को रजिस्टर व पेन-पेंसिल के माध्यम से लिखने का एक तरीका है। कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर का उपयोग मैनुअल सिस्टम के अंतर्गत नहीं किया जाता है। इस प्रक्रिया का उपयोग करते हुए कई पुस्तकों का उपयोग किया जाता है जो इस प्रकार हैं-

  1. Day book (स्मरण पुस्तक)
  2. Journal (रोजनामचा)
  3. Ledger (खाताबही)
  4. Trial Balance (तलपट)
  5. Trading Profit and Loss (व्यापारिक लाभ-हानि पुस्तक)
  6. Balance sheet (आर्थिक चिट्ठा)

कम्प्यूटरीकृत लेखांकन – आज के समय में हर व्यवसाय के लिए कम्प्यूटरीकृत लेखांकन एक आवश्यकता बन गया है। कम्प्यूटरीकृत लेखांकन खातों को आसान और सटीक तरीके से बनाए रखने का सबसे अच्छा तरीका है। कम्प्यूटरीकृत लेखांकन की सहायता से, आप सभी व्यावसायिक पुस्तकों जैसे- Sales Register, Purchase Register, Cash Book, Day Book, Ledger आदि को आसानी से बनाए रख सकते हैं।

टैली सॉफ्टवेयर सबसे सरल और संपूर्ण व्यावसायिक समाधानों में से एक है। कोई भी व्यक्ति जिसे खातों की बुनियादी जानकारी है, वह टैली का उपयोग कर सकता है। टैली को सीखना, कॉन्फ़िगर करना और उपयोग करना आसान है।

Book Keeping ( बुककीपिंग क्या है) –

बुककीपिंग एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें किसी कम्पनी, संगठन या किसी पार्टी के वित्तीय लेनदेन के आंकड़ों का प्रतिदिन के आधार पर रिकॉर्डिंग, विश्लेषण और व्याख्या करने की प्रक्रिया शामिल होती है। लेखांकन मे निम्न प्रक्रिया शामिल होती हैं।

  • Recording (रिकॉर्डिंग) – व्यापारिक लेन देन को Books of Accounts मे रिकॉर्ड (लिखना) करने की कला को ही रिकॉर्डिंग कहा जाता है। सभी व्यापारिक लेन देन को पहले जर्नल मे तथा उसके बाद अलग-अलग Books मे रिकॉर्ड किया जाता है। Accounting मे केवल उन्ही लेन देन को रिकॉर्ड किया जाता है जिसकी वित्तीय कीमत होती है, यदि किसी लेन देन की कोई वित्तीय कीमत नही है तो उसे Book of Account मे रिकॉर्ड नही किया जाता है। Ex- Cash Book, Purchase Book, Sales Book etc.
  • Classification (वर्गीकरण) – सभी व्यापारिक लेन देन को अलग-अलग भागों ने बांटने की कला को वर्गीकरण कहते है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से व्यापारिक लेन देन को अलग-अलग भागों मे विभाजित कर उन्हे एक Book मे रिकॉर्ड करते है, जिसे Ledger book कहते है। Ledger Book मे व्यापार से संबन्धित सभी खाते खोले जाते है।
  • Summarizing (समराइजिंग) – वर्गीक्रत किए गए डाटा से परिणाम निकालना तथा व्यापार के अंतिम खाते तैयार करना तथा रिपोर्ट बनाना Summarizing कहलाता है। Ex –Trial Balance, Balance Sheet, etc.

Types of Accounting Books (आकाउंटिंग बुक्स के प्रकार) –

व्यापार में लेखांकन करने के लिए कई सारी पुस्तकों का इस्तेमाल किया जाता है। व्यापारिक वित्तीय लेनदेन को रिकॉर्ड करने के लिए मुख्य पुस्तकें निम्न प्रकार हैं, इन्हे बुक्स ऑफ अकाउंट (Books of Account) भी कहा जाता है।

  • General Journal – यह व्यापार कि मुख्य लेखा पुस्तक है। इस पुस्तक में डेबिट तथा क्रेडिट सिद्धांतों के आधार पर रोजाना हुए लेनदेन को तारीखों के क्रम में रिकॉर्ड किया जाता है। इस पुस्तक में रिकॉर्ड की गई प्रविष्टियों को सुधारा, व हटाया जा सकता है। इसी पुस्तक की मदद से सामान्य खाताबही (General Ledger) तैयार की जाती है। 
  • General Ledger – इस पुस्तक को अंतिम पुस्तक कहा जाता है। इस पुस्तक में जर्नल एंट्री के अनुसार रिकॉर्ड किए गए लेनदेन की समरी (Summary) तैयार करते है, जिससे व्यापार की संपत्तियाँ, देनदारी, लेनदारी, आय-व्यय का पता लगाया जाता है।
  • Cash Receipt Journal – यह एक विशेष पुस्तक है जिसका उपयोग सभी नकद प्राप्तियों को रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है। जैसे नकद माल की बिक्री, नकद संपत्ति की बिक्री, ग्राहकों से वसूली, ब्याज प्राप्ति, छूट प्राप्ति, किराया आदि के रूप में हो सकती हैं।
  • Cash Disbursement Journal – यह पुस्तक व्यापार के सभी नकद पेमेंट को रिकॉर्ड करने और ट्रैक करने के लिए उपयोग में लाई जाती है। यह सामान्य लेजर को अपडेट करने में मदद करती है।
  • Purchase Journal – इस पुस्तक का इस्तेमाल क्रेडिट (उधार) खरीद को रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है।
  • Sales Journal – इस पुस्तक का इस्तेमाल क्रेडिट (उधार) बिक्री को रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है।
  • Purchase Return Journal – इस पुस्तक का इस्तेमाल खरीदे गए माल को आपूर्तिकर्ता को वापस किए जाने पर रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है। इसे रिटर्न आउटवार्ड (Return Outward Book) बुक भी कहते है।
  • Sales Return Journal – इस पुस्तक का इस्तेमाल बेचे गए माल को कस्टमर द्वारा वापस लौटाए जाने पर रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है। इसे रिटर्न इनवार्ड बुक (Return Inward Book) भी कहते हैं।

Accounting करने के उद्देश्य क्या हैं?

अकाउंटिंग का मुख्य उद्देश्य व्यापारियो को व्यापार से संबंधित क्रिया कलापों का ज्ञान कराया जाता है जिनका विवरण निम्न प्रकार है

  • Purchase Sales Information (क्रय विक्रय की जानकारी) – Accounts व Book Keeping के द्वारा ही एक व्यापारी यह जानकारी प्राप्त कर सकता है कि व्यापार मे कितना माल खरीदा गया तथा कितना माल बेचा गया तथा कितना माल शेष बचा हुआ है।
  • Amount Information (धनराशि की जानकारी) – Account व Book Keeping के द्वारा ही रकम की सही-सही जानकारी प्राप्त की जा सकती है, Accounting के द्वारा ही यह पता चलता है कि व्यापार मे कितनी रकम नकद तथा किस बैंक मे जमा है ।
  • Creditors/Debtor Information (देनदारों/लेनदारों की जानकारी) – Accounts के माध्यम से ही लेनदारों व देनदारों की सम्पूर्ण जनकारी प्राप्त की जा सकती है कि कितना पैसा किससे वसूलना है तथा कितना पैसा किसको देना है।
  • Capital Information (पूंजी की जानकारी) – Accounting के द्वारा ही पूंजी की सही-सही जानकारी प्राप्त की जा सकती है तथा व्यापार के आरंम्भ व अंत मे हुए Capital मे बदलावों की जानकारी भी पता चलती है ।
  • Profit & Loss Information (लाभ व हानि की जानकारी) – व्यापार मे होने वाले लाभ व हानि की सही-सही जानकारी Accounting के द्वारा ही प्राप्त की जा सकती है।
  • Income and Expense Information (आय व व्यय की जानकारी) – Accounting के द्वारा व्यापारी यह पता कर सकता है कि व्यापार से कितनी आय हो रही है तथा किन-किन श्रोतों से हो रही है, तथा खर्चो का सही-सही पता भी Accounting के द्वारा ही किया जा सकता है।
  • Assets Information (संपत्ति की जानकारी) – व्यापार मे सभी प्रकार की स्थायी व अस्थायी सम्पत्तियों की जानकारी Accounting के द्वारा ही सही-सही प्राप्त की जा सकती है।
  • Tax Information (कर की जानकारी) – व्यापार मे कई प्रकार के कर् भुगतान करने होते है, जैसे – Income Tax, Excise Duty, Service Tax, GST etc. इन सभी करों तथा इनके भुगतान से संबन्धित सभी जानकारी Accounts के द्वारा ही प्राप्त की जा सकती है।

Benefits of Accounting (अकाउंटिंग करने के लाभ)

व्यापार मे होने वाले लेन-देन को Books of Accounts मे Record करने के अनेक लाभ है, जिनका विवरण निम्न प्रकार है-

  • Evolution of Business (व्यापार का मूल्यांकन) – व्यापार मे लेन-देन को Books of Accounts मे Record करने से व्यापार का मूल्यांकन आसानी से किया जा सकता है, तथा व्यापार को बेचते समय इसकी स्थिति का भी पता लगाया जा सकता है।
  • Knowledge of Economic Position (आर्थिक स्थिति का पता लगाना) – कोई भी व्यापारी तब तक व्यापार की आर्थिक स्थिति का सही पता नही लगा सकता है, जब तक सभी लेन-देन को Books of Account मे Record नही किया जाता। इसलिए accounting करना जरूरी होता है।
  • Precautions from Mistakes (गलतियो से सतर्कता बरतना) – व्यापार मे होने वाले सभी लेन देन को याद नही रखा जा सकता इसके लिए इन्हे Books of Account मे रिकॉर्ड किया जाना आवश्यक है, जिससे भविष्य मे आवश्यकता पड़ने पर देखा जा सके तथा सही निष्कर्ष निकाला जा सके और गलतियो से भी बचा जा सके।
  • Quick Decision (शीघ्र निर्णय लेना) – व्यापार मे कुछ मामलो मे शीघ्र निर्णय लेने होते है और यह निर्णय Books of Account के आधार पर ही लिए जाते है।
  • Future Planning (भविष्य के लिए योजना बनाना) – सभी व्यापारी अपने व्यापार को आगे विकसित करने के लिए विभिन्न योजनाये तैयार करते है यह सभी योजनाये व्यापार की आर्थिक स्थिति पर ही तैयार की जा सकती है।
  • Safe from Tax Penalty (कर जुर्माना से बचाव करना) – यदि सभी व्यापारिक लेन-देनो को Books of Account मे Record किया जाता है तो सभी Tax को सही सही निर्धारित किया जा सकता है, तथा व्यापारी अतिरिक्त कर देने से बच सकते है।

निवेदन

Accounting Fundamental के इस आर्टिकल मे आज आपने जाना अकाउंटिंग क्या है, अकाउंटिंग बुक्स क्या हैं, अकाउंटिंग करने के उद्देश्य तथा अकाउंटिंग करने के लाभ क्या हैं। अगली पोस्ट मे आप Business से संबंधित विभिन्न वाणिज्यिक शब्दों (Commercial Words) के बारे मे जानेंगे। अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे, तथा अन्य अपडेट के लिए हमे FacebookTelegram पर भी जॉइन करें।

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